होली अनुच्छेद

 होली अनुच्छेद 


 भारत त्योहारों का देश है। यहाँ आए दिन कोई न कोई त्योहार आता रहता है। भारत में सभी धर्मों के त्योहार मनाए जाते हैं। हिन्दुओं के त्योहारों में होली एक प्रमुख त्योहार है।  होली का त्योहार  फाल्गुन मास की पूर्णिमा को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इसे रंगों का त्योहार भी कहा जाता है। होली का त्योहार गर्मी के आगमन की सूचना देता है।होली के  दिन लोग रंग और गुलाल से खेलते हैं। इस दिन को फाग या दुल्हँडी कहा जाता है। इस दिन सभी  एक दूसरे पर रंग फेंकते हैं और गुलाल आदि लगाकर गले मिलते हैं। चारों ओर खुशी, मस्ती और उल्लास देखने को मिलता है। लोग नाचते-गाते हुए एक-दूसरे के घर जाते हैं और एक-दूसरे पर रंग डालकर खुशी से झूम उठते हैं।  होली प्यार, भाई-चारे, उल्लास तथा मस्ती का त्योहार है। हमें यह त्योहार अच्छी प्रकार से मनाना चाहिए तथा इस दिन दुश्मनी को  भुलाकर, प्रेम और मित्रता की शुरुआत 

करनी चाहिए। 

 


दादी का रेडियो माधुरी

दादी का रेडियो माधुरी

कहनी में से

1.क) रोहित को सब दादी का रेडियो क्यों कहते थे?

(i)उत्तर- रोहित दादी को स्कूल और मोहल्ले की बातें बताता था और रेडियो और टेलीविज़न पर सुने समाचार सुनाता था।इसलिए सब रोहित को दादी का रेडियो कहते थे।


(ii) रोहित दादी को कौन सी खबरें सुना था?

उत्तर-रोहित अपनी दादी को स्कूल,मोहल्ले आदि की खबरें सुनाता था।


ख) (i)दादी को किस बात का बहुत दुख था?

उत्तर- रोहित के कम अंकों के लिए उसके पिता ने दादी को ज़िम्मेदार ठहराया।इस बात के लिए दादी को बहुत दुख हुआ।


(ii) रोहित को अपने पिता का व्यवहार दादी के प्रति क्यों ठीक नहीं लगा?

रोहित के कम अंक आने पर उसके पिता ने दादी को डाँटा तो पिताजी का यह व्यवहार रोहित को अच्छा नहीं लगा।


ग)(i) रोहित ने अपनी कॉपी में ऐसा क्यों लिखा?

उत्तर-रोहित को अपने पिताजी का व्यवहार सही नहीं लगा।इसलिए उसने कॉपी में ऐसा लिखा कि जब मैं बड़ा हो जाऊँगा तो अपने माता-पिता को सम्मान दूँगा।


(ii) रोहित के लिखे इन शब्दों ने उसके माता-पिता के ऊपर क्या प्रभाव डाला?

उत्तर-रोहित के लिखे इन शब्दों को  पढ़कर उसके माता-पिता की आँखों से पश्चाताप के आँसू बहने लगे और उन्होंने दादी से क्षमा माँगी।

2.


व्यकित

शब्द

कारण

दादी

शांत, दयालु , ममतामयी


दादी ममतामयी, दयालु और शांत स्वाभाव की थीं। वह चुपचाप रहती थी। किसी को कुछ नहीं कहती थी।

पिता 

क्रोधी 

पिताजी बात- बात में क्रोध करते थे। दादी को डाँटते थे।

रोहित 

भावुक होशियार,समझदार



रोहित समझदार,भावुक और होशियार था। वह दादी के दर्द को समझता था



3.क) रोहित अपने माता- पिता के साथ कहां रहता था? 

 चंड़ीगढ़   

ख) दादी रोहित को कौन- सी कहानियाँ सुनाती थी?

नई-नई

दादी का रेडियो भाषा अभ्यास

                                                           

  दादी का रेडियो भाषा अभ्यास 

1.वह   उसको/उसे

2.सर्वनाम का प्रयोग
क)  वह भी यह सब देख रहा था।
ख)उसकी बहन उसे दादी का चमचा कहकर चिढ़ाती थी।
ग)उन्होंने दादी से क्षमा माँगी।

3.समान अर्थ वाले शब्द
प्रकाश - उजाला
संतान - औलाद
सम्मान - आदर

4. समान - मेरी दोनों बहन देखने में एक समान हैं।
हमें बड़ों का सम्मान करना चाहिए।

दादी के  हाथ का पका हुआ खाना मुझे बहुत पसंद है।
रमेश मेरा पक्का दोस्त है।

मुझे उसके घर का पता मालूम नहीं है।
यह पत्ता बहुत सुंदर है।

5.बहुवचन रूप
कहानी - कहानियाँ
दरवाज़ा - दरवाज़े
मोहल्ला - मोहल्ले
गतिविधि - गतिविधियाँ
6.लिंग बदलो
दादा - दादी
भाई - बहन
 चाचा- चाची
लेखक - लेखिका

7.युग्म शब्द
पढ़ाई- लिखाई
घूमना- फिरना
 उठना - बैठना
लेना-      देना

8.  हॉल - हमारे स्कूल में एक बड़ा हॉल है।
पिताजी को कॉफ़ी बहुत पसंद है।
बच्चे बॉल से खेल रहे हैं।

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मित्रता भाषा अभ्यास

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