अपठित
गद्यांश
शहर से
दूर जंगल में एक पेड़ पर गोरैया का जोड़ा रहता था। उनके नाम थे, चीकू और चिनमिन। दोनो बहुत
खुश रहते थे। सुबह सवेरे दोनो दाना चुगने के लिये निकल जाते। शाम होने पर अपने
घोंसले मे लौट जाते। कुछ समय बाद चिनमिन ने अंडे दिए।चीकू और चिनमिन की खुशी का
ठिकाना नहीं रहा। दानों ही बड़ी बेसब्री से अपने बच्चों के अंडों से बाहर निकलने
का इंतजार करने लगे। अब चिनमिन अंडों को सेती थी और चीकू अकेला ही दाना चुनने के
लिए जाता था। एक दिन एक हाथी धूप से बचने के लिए पेड़
के नीचे आ बैठा। मदमस्त हो कर वह अपनी सूँड़ से उस पेड़ को हिलाने लगा। हिलाने से
पेड़ की वह डाली टूट गयी, जिस पर चीकू और चिनमिन का घोंसला
था। इस तरह घोंसले में रखे अंडे टूट गए।
प्रश्न 1.
पेड़ पर कौन रहता था?
2.वे
दोनों सुबह सवेरे क्या करते थे?
3.अंड़ों
को कौन सेती थी?
4.हाथी
किससे बचने के लिए पेड़ के नीचे आ गया?
5.हाथी ने
अपनी सूँड़ से क्या किया?
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