कविता में से
1.किसके रूप निराले हैं?
प्रकृति के रूप निराले हैं।
2.बाादल किससे बनते हैं?
बादल भाप से बनते हैं।
3.बसंत कब आता है?
जाड़े के बाद और गर्मी से पहले बसंत आता है।
4.सूरज से हम क्या सीखते हैं?
सूरज से हम औरों के लिए जीना और स्वयं कष्ट सहकर दूसरों को नया जीवन देना सीखते हैं।
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मौसम
प्रकृति के हैं रूप निराले,
आओ देखो मौसम मतवाले।
जब सूरज तेज़ चमकता है,
पृथ्वी का हृदय दहलता है।
गरम हवा से सागर का जल,
भाप बन-बन उड़ जाता है।
तब इसी भाप से बनते बादल,
जो छम-छम बरसा करते हैं।
वर्षा धरती की प्यास बुझाती,
जिससे चारों ओर हरियाली छाती।
हम फल-फूल और अनाज पाते,
जिससे जन अपनी भूख मिटाते।
पृथ्वी जब ठिठुरती जाड़े से,
सूरज की किरणें उसे बचातीं।
घर-आँगन में बिखर-बिखर,
खेतों में वे फसल पकातीं।
किरणों से जब जाड़ा उड़ता,
सब ओर बसंत का मेला जुड़ता।
चारों दिशाओं में खुशियाँ छाती,
जीवन में मधुरता भर जाती।
सूरज भैया से हम सीखें,
औरों के लिए नित जीना।
स्वयं कष्ट सह सहकर,
औरों को नव-जीवन देना।
भाषा अभ्यास
Q2.
Q.3
भाषा अभ्यास
Q2.
Q.3
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