पाठ 3 अनोखा ढंग-भाषा अभ्यास

    पाठ 3 अनोखा ढंग -भाषा अभ्यास

1.जोड़े वाले शब्द (युग्म शब्द)
सुबह-सुबह, बजते-बजते, लिखते-लिखते,देखती-देखती
2.संज्ञा शब्द-नोआखली,गाँधी जी,जंगल,पत्थर,
नारियल
4. चंद्रबिंदु वाले शब्द-साँप,पाँव,गाँव,बाँस,चाँद,काँटा
5.शब्द सीढ़ी –
कलम कलश बरिश बादल पैदल
अनार मटर मकान बटन बकरी सुपारी
6.वाक्यांशों के लिए एक शब्द लिखिए।
जो पढ़ाने का काम करे- अध्यापक
जो मरीज़ों का इलाज करे – डॉक्टर
जो सोने-चाँदी के गहने बनाए – सुनार
जो कपड़ा बुने – जुलाहा
जो लकड़ी का काम करे - बढ़ई
7.मुहावरों से वाक्य बनाइए -

  • ज़मीन पर पैर न पड़ना - परीक्षा में अच्छे अंक आने पर मेरे पैर ज़मीन पर नहीं पड़ रहे हैं।
  • घी के दीए जलाना - बेटे के आने की खुशी में माँ ने घी के दीए जलाए।
  • बाँछे खिलना - अलमारी मे गहने देखकर चोर की बाँछे खिल गई।
  • गद्गद होना - बहुत दिनों के बाद दोस्त को देखकर मैं गद्गद् हो गया।

पाठ-3 अनोखा ढंग Q/A

खुरदरा पत्थर

   

 पाठ-3 अनोखा ढंग Q/A 

शब्दार्थ-
१. प्रसार – फैलाना
२. जुलाहा – कपड़ा बुनने वाला
३. खीझ – झुंझलाहट
४. अनमोल – अमूल्य
५. कसौटी – परीक्षा,परख
६. खुद – स्वयं
७. सफर – यात्रा
८. अनोखा – सबसे अलग
९. स्वयंसेवक – बिना स्वार्थ के काम करने वाला
१०.खुशी का ठिकाना न रहा – बहुत खुश होना 

कहानी में से
1.गाँधी जी  पैदल यात्रा क्यों  कर रहे थे?
गाँधी जी शांति का प्रसार करने के लिए पैदल यात्रा कर रहे थे।

2.गाँधी जी खुरदरे पत्थर का  उपयोग क्यों   करते थे?
गाँधी जी खुरदरे पत्थर का  उपयोग स्नान करते समय पेैर साफ़ करने के लिए करते थे।

3.गाँधी जी ने मनु  को पत्थर खोजने के  लिए कहाँ भेजा?
गाँधी जी ने मनु  को पत्थर खोजने के  लिए जुलाहे के घर भेजा।

4.मनु ने जुलाहे के घर पहुँचने का  क्या तरीका अपनाया?

जुलाहे के घर पहुँचने के लिए मनु ने पैरों के निशान को देखने-खोजने का तरीका  अपनाया।

फैलती चप्पलेंQ/A

     

फैलती चप्पलेंQ/A
कहानी में से 

1, दादी माँ ने सुप्पंदी को क्या लाने के लिए कहा? 
उत्तर-- दादी माँ ने सुप्पदी को एक जोड़ी प्लास्टिक 
की नई चप्पलें लाने को कहा। !
2.दादी माँ ने चप्पलों को बदलवाने के लिए क्यों कहा? 
उत्तर- चप्पलें दादी माँ के पैर के नाप से छोटी थीं, इसलिए 
दादी माँ ने उन्हें बदलवाने के लिए कहा। !
3. सुप्पंदी के मन में ऐसा विचार क्यों आया कि छोटी चप्पलों को गरम करने पर
वे बड़ी हो जाएँगी?
 सुप्पंदी को रेल की पटरी ठीक करने वाले आदमी से
मालूम हो गया  था कि गरम होने से चीजें फैलकर बड़ी
हो जाती हैं। इसलिए उसके मन में ऐसा विचार आया कि
दादी की चप्पलें भी गरम करने पर बड़ी हो जाएँगी।
बातचीत के लिए
1.जूतों की दुकान पर जाते हुए सुप्पंदी ने यह बात सीखी कि गरम होने पर चीजे़ं फैलकर बड़ी
हो जाती हैं।
2.दादी माँ ने सुप्पंदी को दो सौ रुपये दिए होंगे।
3.अगर चप्पलें चमड़े की होती तो जलकर राख हो जातीं और घर में चारों ओर धुआँ भर जाता।
4.भारत में पहली रेल की पटरी कब बिछाई गई?
16 अप्रैल 1853 ईं में बिछाई गई।

ज़रा सोचिए
गरम होने पर चीज़ें अपना आकार बदल सकती हैं
रेशम की साड़ी, प्लास्टिक की तार,मक्खन,आइस्क्रीम, लोहे का बक्सा
भाषा की बात
1.गाय कली हरी हारना सब
2.शब्द लढ़ी
अनार रस्सी सीधी धीरे रेशम मकान नल लड़का
9.संज्ञा शब्द
प्लास्टिक अच्छा दादी पटरी नई
जीवन मूल्य
1.सुप्पंदी अपनी दादी के लिए नई चप्पलें क्यों लाया?
सुप्पंदी अपनी दादी के लिए नई चप्पलें लाया क्योंकि वह दादी को बहुत प्यार करता था और
दादी का बहुत ख़्याल रखता था। वह उनकी हर बात को मानता था।
2. आप अपने दादा-दादी की मदद किस प्रकार करते हैं?
मैं अपने दादा-दादी को खाना,पानी,दवाइयाँ,अखबार,चश्मा लाकर देता हूँ।
शाम को उन्हें पार्क में घुमाने ले जाता हूँ। रात को उनके पैर दबाता हूँ।
3. "जीता रह, सुप्पंदी।"
दादी के इस कथन में उनकी मंगल कामना की भावना छिपी है।वह आशीर्वाद देकर उसकी दीर्घायु
की कामना करती हैं।
4.इस संवाद के आधार पर हम यह कह सकते हैं कि जो दूसरा का भला करता है भगवान उसकी
ज़रूर मदद करते हैं।





उलटा-पुलटा माधुरी Q/A

    उलटा-पुलटा  माधुरी Q/A


कविता में से

1.गिरगिट और मकड़ी गिरने के बाद क्या करते हैं?
Ans.गिरगिट और मकड़ी गिरने के बाद तुरंत सँभलकर अपने आप 

फिर से चलने लगते हैं।

2.कैसे व्यक्ति पछताते हैं?
Ans  गिरने और पिछड़ने पर जो व्यक्ति हिम्मत खो देते  हैं वैसे व्यक्ति जीवन भर पछताते हैं।
3.कौन-से व्यक्ति सुख पाते हैं?
Ans  जो असफल होने पर हिम्मत नहीं खोते,बल्कि दुबारा कोशिश करते हैं वैसे व्यक्ति जीवन में  सुख पाते हैं।
4.गिरने पर क्यों नहीं हारनी चाहिए?
Ans  गिरने पर अगर हम हिम्मत हार जाएँगे तो हम कभी भी आगे नहीं बढ़ पाएँगे और जिंदगी में कभी भी सफल नहीं हो पाएँगे।



बातचीच के लिए

1.बंंदर आँख मींचकर हँसता है।आप भी कभी-कभी आँख मींचकर हँसते हैं। क्यों?
हाँ हम भी कभी-कभी आँख मींचकर हँसते हैं जब हमारा दोस्त कोई अजीब या अटपटा हरकत या काम करता है।ऐसा करना एक स्वाभाविक क्रिया है जो अपने आप हो जाता है।
2.चींटी,मकड़े,छिपकली आदि कैसे गिर जाते होंगे?
 दीवार पर चढ़ते समय कभी-कभी वे अपना संतुलन खो देने के कारण उलट-पलटकर गिर जाते होंगे।
3.बताइए,ये हमारे घरों में कहाँ मिलते हैं-
मकड़ी-दीवार के कोने में या छत के नीचे।
चींटियाँ - घर के वहाँ जहाँ कहीं बिल हो या जहाँ मीठी चीज़ पड़ी हो।
छिपकली-दीवार पर या छत के नीचे
तिलचट्टे-रसोई घर के कोने में स्लाब के नीचे या बेसिन के नीचे।
4.आप कब-कब हिम्मत खोने लगते हैं ? उस समय आपकी मदद कौन करता है और कैसे करता है?
जब हम किसी प्रतियोगता ,खेलकूद में हार जाते हैं या परीक्षा में  फेल हो जाते हैं तब हम अपनी हिम्मत खो बैठते हैं।वैसी स्थिति में हमारे शिक्षक,मित्र,माता-पिता आदि हमारी मदद करते हैं।वे हमें समझाते हैं और हिम्मत देते हैं।
5.

मित्रता भाषा अभ्यास

      मित्रता  भाषा अभ्यास 1.शब्दार्थ सतर्क- सावधान प्रसन्न- खुशी  भूमी -ज़मीन  मित्रता- दोस्ती  सुगंध- खुशबू धूर्तता- चालाकी चेतावनी - सावध...